जब शरीर के पेट वाले हिस्से में ज्यादा चर्बी जमा होने लगे तो समझना चाहिए कि अंदर आंत की चर्बी (विसरल फैट) बढ़ रही है। विसरल फैट मतलब वो जो आपके पेट के अंदर ऑर्गन्स तक को ढक लेता है यानी आपके पेट के साथ साथ लिवर, किडनी, स्प्लीन और इन्टेंस्टाइन पर भी चर्बी चढ़ने लगती है। ये जो तोंद है, ना सिर्फ दिखने में खराब लगती है लेकिन विज्ञान इसे डेनजरस मानती है। अंदर जो यह फैट बन गया है ये आपकी इंटरनल ऑर्गन्स की फंक्शनिंग को रोकता है, जिसकी वजह से फैटी लिवर, टाइप टू डायबिटीज़, हार्ट ब्लॉकेज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी प्रॉब्लम्स का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए बेली फैट को कम करना इम्पोर्टेन्ट है, इस बात को मानते हुए बात करते हैं उन छे चीजों की, जिससे यह आंत की चर्बी (विसरल फैट) कम होने लगेंगी।

Do these 6 things to reduce belly fat


1. स्टे हाइड्रेटेड


आज विज्ञान ये प्रूफ कर चुकी है कि फैट को कम करने के लिए बॉडी में फ्लूइड की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए। पानी से बेहतर और कोई चीज़ नहीं है।आपको रोज़ सुबह उठते ही ब्रश करने से पहले गुनगुना पानी पीना है, इसमें कुछ नहीं डालना। प्लेन पानी पीना है। गर्म पानी पीने से बॉडी का मेटाबॉलिजम बढ़ जाता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ जाएगा तो बॉडी में जो फैट स्टोर्स बने हुए हैं उसे बॉडी ब्रेक करने लगेगी। गर्म पानी पीने से डाइजेशन एकदम से फास्ट होती है जिससे सुबह सुबह ही आपका अच्छे से पेट साफ हो जाएगा।पेट अच्छे से साफ होगा तो अंदर जो कितने दिनों का पुराना मल पड़ा हुआ है वो बाहर आएगा। इससे पेट कम होगा। सुबह पानी कितना पीना है वो आपकी मर्जी है। कम से कम एक ग्लास पानी तो जरूर पीना है, फिर मील्स के बीच में जैसे ब्रेकफास्ट लंच के बीच में या लंच डिन्नर के बीच में जब भी आपको ऐसा लगने लगे कि थोड़ी भूख लग रही है।तो उस टाइम सबसे पहले पानी पिएं। बहुत बार हमें वास्तव में भूख नहीं लगी होती, बस बॉडी डीहाइड्रेट होती है। ऐसे में अगर हम पानी पी लेंगे तो एक तो पेट भरा भरा महसूस होगा। फुलनेस की फीलिंग रहेंगी तो फालतू की मंचिंग से बच जाएंगे। मंचिंग नहीं होगी तो एक्स्ट्रा कैलोरीज नहीं जाएंगी जिससे पेट अपने आप ही कम होने लगेगा।

2. शुगर बंद करें

रिफाइंड चीनी को तो आप दूर से ही नमस्ते करिए, उदाहरण के तौर पर गुलाब जामुन को ले लो। इसमें कोई डाउट नहीं कि यह टेस्ट में लाजवाब है। देखते ही मुँह में पानी आने लगता है, लेकिन इसमें एक भी ऐसी चीज़ नहीं है जो आपको फायदा करेगी। जब आप इस गुलाबजामुन को खायेंगे तो एक तो ये आपको इतना ज्यादा शुगर देगा।इतना ऑइल देगा, इतनी कैलोरीज़ देगा और मैदे से तो ये बना हुआ है ही। विज्ञान आज शुगर को सबसे बड़ा कारण मानती है, पेट की चर्बी बढ़ने का। शुगर केमिकल प्रोसेसिंग से इतना रिफाइन किया जाता है की उसमें न्यूट्रिशन के नाम पे कुछ नहीं होता। ऐसी चीनी बॉडी में एब्जॉर्ब नहीं होती, इनसुलिन स्पाइक करती है, जो एकदम से ही फैट की तरह स्टोर होने लग जाता है। टेस्ट के चक्कर में ये जो बॉडी फैट आप ले आते हैं, इसे इतना जल्दी छुटकारा नहीं मिलता। इसलिए रिफाइंड चीनी से बनी मिठाइयां जैसे जलेबी, पेस्ट्री, बिस्किट, डोनट और कैंडी जैसी चीजों को कॉन्शसली खुद से दूर रखें। आप 10 दिन भी अगर चीनी बंद करके देख लें, आप नोटिस करेंगे कि पेट कम होने लगा।

3. इन्क्रीज़ प्रोटीन

तोंद कम करने के लिए आपको प्रोटीन को बढ़ाना चाहिए। प्रोटीन फैट लॉस के लिए कितना हेल्पफुल है? इसपे काफी स्टडीज़ हुई है। प्रोटीन एक ऐसा माइक्रोन्यूट्रिएंट है जो धीरे धीरे डाइजेस्ट होता है, धीरे डाइजेस्ट होता है तो आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इसलिए बार बार खाने की जो क्रेविंग्स उठती है, वो खुद ही कम हो जाती है। रिसर्च बताती है कि प्रोटीन से मेटाबॉलिजम बढ़ता है जिससे बॉडी अपने आप ही ज्यादा कैलोरीज़ को बर्न करने लगती है। अब प्रोटीन से मेरा मतलब प्रोटीन पाउडर से नहीं, कोई सप्लिमेंट की जरूरत नहीं है। दालों को देखिये, प्रोटीन से भरी हुई है।ओट्स में प्रोटीन है, चने में भरपूर प्रोटीन है, राजमा में खूब प्रोटीन है। दूध दही पनीर में प्रोटीन है, नट्स में प्रोटीन है, सारी सब्जियों में अमीनो ऐसिड्स होते हैं जो प्रोटीन का ही रूप है। आज विज्ञान यही कहने लगा है की वेजिटेरियन सोर्सेज ऑफ प्रोटीन नॉन वेज से बेहतर है, क्योंकि बॉडी इन्हें आसानी से एब्जॉर्ब करती है। आप सोच ले कि हर मिल में प्रोटीन रखना है, जैसे ब्रेकफस्ट में ओट्स का दलिया खा सकते हैं, पनीर भुर्जी के साथ रोटी खा सकते हैं। लंच में चने की सब्जी खालो, या किसी सब्जी रोटी के साथ दही ले लो। डिनर में दाल चावल खा लो, बस इतना प्रोटीन काफी है ऐसे कॉन्शसली जब आप अपनी डाइट में प्रोटीन रखेंगे, तो ओवरईटिंग से बच जाएंगे, जिससे अनहेल्दी फूड मंचिंग नहीं होगी, फैट कम हो जाएगा।

4. अवॉइड फ्राइड फूड

तला हुआ खाना तो 1 दिन भी खा लो तो पेट पर दिखने लग जाता है। क्यों? क्योंकि इससे मेटाबॉलिजम बहुत स्लो होता है और अगर बाहर का तलाक खाओगे फिर तो फैट के साथ साथ बीमारियों को निमंत्रण देने वाली बात है।बाहर आपने देखा होगा कि हलवाई एक तो रिफाइन तेल यूज़ करते है और वही एक तेल को घंटो घंटो इस्तेमाल करते रहते हैं। विज्ञान ये प्रूफ कर चुका है कि, ऑइल जब रीयूज़ किया जाता है या इतना जलाया जाए कि स्मोक पॉइंट पार कर जाए तो उसमें ट्रांसफैट बनने लग जाते हैं और इन ट्रांसफैट से पेट बाहर निकलता है। ये ट्रांसफैट आर्टरीज को ब्लॉक करने लगता है। इसलिए पेट की चर्बी कम करनी है तो फ्राइड फूड जैसे टिक्की, समोसा, पकौड़े, पूरी और भटूरों को अवॉइड करते हैं। बल्कि अच्छे फैट्स को इन्क्लूड करे जैसे की खाना कच्ची घानी के शुद्ध तेल में पकाएं। देसी गाय के घी का रोज़ एक चम्मच सब्जी के ऊपर डालकर खाएं।घी में नैचुरली सीएलए होता है, जो आज फैट लॉस सप्लिमेंट की तरह बिकता है। कच्चा घी जब भी आप किसी चीज़ पे डालते हैं तो उस फूड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम कर देता है। ग्लाइसेमिक इन्डेक्स कम होगा तो ब्लड शुगर राइज नहीं होगी। इंसुलिन कम स्पाइक होगा और फैट कम बनेगा। फिर दिन में चार से पांच भिगोए हुए बादाम खा सकते हैं।नारियल खाएं। ये सब जबरदस्त सोर्सेस है फैट के जो बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ साथ पेट की चर्बी को भी कम करते है।

5. ईट होल फूड्स

होल फूड्स मतलब क्या? मतलब मैदे की जगह चोकर वाला आटा खाओ। फ्रूट जूस की जगह पूरा फ्रूट खाओ। होल फूड्स में फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर को एकदम से स्पाइक नहीं करता।और धीरे धीरे एनर्जी प्रोवाइड करता है। वहीं मैदे से बनी चीजें व्हाइट ब्रेड, पेस्ट्री, बिस्किट, मानो जैसे पेट पर जाकर चिपक ही जाती है। इसलिए हमेशा होल व्हीट, हैंड पॉउंडेड राइस, मिलइट्स आप अपनी डाइट में इन्क्लूड करे बल्कि अनाज बदल बदल के खायेंगे तो बॉडी में एक ही तत्व की अधिकता नहीं होगी।वरना हमेशा रोटी रोटी खाते रहना भी पॉज़िटिव इम्पैक्ट नहीं करता। कभी दलिया ले लिया, कभी बेसन का चीला खा लिया कभी मिल्लेट्स बना लिए वराइइटी रखो.

6. डोन्ट ईट आफ्टर 07:00 पीएम

अगर आप ऊपर के सारे पॉइंट्स छोड़ के सिर्फ इतना ही ठान लें कि मैं आज से शाम होने के बाद नहीं खाऊंगा, तो यकीन मानिए आपकी तोंद कम होने लगे गी। ऐसा सिर्फ आयुर्वेद नहीं, विज्ञान भी मानता है। वास्तव में रात होते होते बॉडी का मेटाबॉलिजम बहुत स्लो हो जाता है, जिसकी वजह से हम जो खाते हैं बॉडी यूटिलाइज नहीं कर पाती। जब हम डेली ऐसा करते हैं तो पेट बढ़ने लगता है और अधिकतर लोग तो रात को सबसे ज्यादा मंचिंग करते हैं।आपका पेट पहले ही बाहर है, फिर तो आपको पूरी कोशिश करनी चाहिए कि शाम को 7/8 बजे के बाद कुछ ना खाएं। आप ऐसा भी कर सकते हैं कि शाम को 5:00 बजे ही अच्छे से खा ले और रात फिर चाहे स्किपही कर दें या सूप। पीले

इंटरमिटेंट फास्टिंग एक प्रैक्टिकल तरीका है इसे फॉलो करने का, ये कोई नयी डाइट नहीं बल्कि पुरातन समय से हमारे देश में फॉलो किया जाता रहा है। आज भी भारत का किसान शाम को 6:00 बजे खाना खाकर सुबह ब्रेकफास्ट 9:00 बजे ही करता है। इससे बॉडी 15 घंटे तक फास्टिंग की स्टेट में रहती है, जिससे बॉडी का इनसुलिन कंट्रोल में रहता है और पेट कम होने लगता है। 2 दिन करके देख लो, फर्क महसूस हो जायेगा।

 

रीकैप करते हैं

1. सुबह उठने के बाद बिना ब्रश किए सबसे पहले गुनगुना पानी पीना है। एक गिलास पिएं या चार ग्लास आपकी मर्जी है, फिर फ्रेश हो जाए। दो मील्स के बीच में जब भी भूख जैसा लगे, पहले पानी पिएं। इससे आप बहुत इफेक्टिवली अनहेल्दी मंचिंग से बच जाओगे,


2. चीनी को तो कुछ दिन बंद ही कर दे। बाहर की मिठाइयां केक्स पेस्ट्री, जलेबी, डोनट्स कुकीज़ यह सबसे बचे।


3. प्रोटीन को अपनी डाइट में बढ़ाएं कोई प्रोटीन पाउडर, खरीदने की जरूरत नहीं. दाल, छोले, चने, राजमा, नट, फ्रेश सीजनल वेजिटेबल्स, दूध, दही, पनीर में भरपूर प्रोटीन होता है।


4. फ्राइड फूड से आप जितना बचेंगे, आपका पेट उतना जल्दी कम होगा, इसलिए फिर चाहे वो बाहर का समोसा हो या घर की पूरीया अवॉइड करेंगे तो रिज़ल्ट जल्दी मिलेंगे।


5. होल फूड्स खाएं, मतलब फाइबर की इम्पोर्टेन्स को समझें, चोकर वाला आटा, हैंड पॉउंडेड राइस, मिललेटस होल फ्रूट्स खाएं. डाइट में, वराइटी रखें.


6. शाम ढलने के बाद खाना अवॉइड करें। एट लिस्ट 12 घंटे का टाइम होना चाहिए जब आपके पेट में पानी के अलावा कुछ ना जाए। जी हाँ, चाय भी नहीं।

ऐसा कर लिया तो इसमें कोई दो राय नहीं कि आपका पेट कम होने लगेगा, विसरल फैट रिड्यूस हो जाएगा जिससे ना सिर्फ तोंद कम होगी, आप दिखने में अच्छे लगोगे बल्कि जो आपके अंदर के ऑर्गन्स है, जो इस वक्त घुटे हुए बैठे हैं, वो भी राहत की सांस लेंगे। जरूर करें और कोई डाउट हो तो कॉमेंट्स में पूछे।